विवादों में रहने वाले कथा वाचक प्रदीप जिसने अभी कुछ दिन पहले राधारानी के लिए भी अपशब्द कहे थे जिस पर बृंदावन के संत स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने इस पाखंडी को ने केवल डाँटा बल्कि नाक रगड़ कर राधारानी के दरबार में माफ़ी मंगवाई, पर यह पाखंडी यही नहीं सुधरा और भगवान श्री चित्रगुप्त जी, जो की स्वयं भगवान ब्रह्मा जी की काया से उत्पन्न हुए थे उनके लिए भी अशोभनीय शब्दों का प्रयोग किया ।
सनातन धर्म में भगवान चित्रगुप्त जी जिनपर सभी देवताओं और भगवान का पूरा भरोसा था तभी इतना ज़रूरी कार्य सबके कर्मों का लेखा जोखा रखने का कार्य ब्रह्मा जी ने उन्हें दिया था । उनका अपमान पूरे सनातन धर्म का अपमान है । इस घटना से आक्रोशित कायस्थ समाज के सभी नामधारी संगठनों की एक आपात बैठक डॉ विकास वर्मा वरिष्ठ होमियोपैथिक चिकित्सक के क्लिनिक पर हुई। सभी संगठनों ने एक मत से इस पाखंडी सनातन धर्म के अपमान करने वाले प्रदीप की निंदा की, सभी संगठनों ने एक जुट होकर सिर्फ़ चित्रांश बैनर के तले इस आंदोलन को करने का निर्णय लिया।
प्रियदर्शनी नगर में डा. विकास वर्मा की ओर से एक विरोध सभा का आयोजन किया गया। जिसमें चित्रगुप्त पीठ के महामंडलेश्वर डा. शिवानंद महाराज जी, उद्यमी एवं पत्रकार डा. पवन सक्सेना, अंकुर किशोर सक्सेना, आईएमए अध्यक्ष डा. अतुल श्रीवास्तव, संजय सक्सेना, आलोक सक्सेना, आशीष सक्सेना, वेद प्रकाश कातिब समेत बड़ी संख्या में समाज के गणमान्यजन मौजूद थे
आक्रोशित लोगों ने इकट्ठा होकर डीडी पुरम् के शहीद चौक तक जुलूस निकाला तथा शहीद चौक पर प्रदीप मिश्रा का पुतला भी फूंका।
इस अवसर पर डा. मनोज कुमार, उदित सक्सेना, शैलेन्द्र सक्सेना, शिवांग सक्सेना, सत्यम सक्सेना, अपुल श्रीवास्तव देवेन्द्र सक्सेना, परनीत सक्सेना, राहुल राय, शुभम् सक्सेना, एड अनुज कांत सक्सेना, धर्मेन्द्र सक्सेना, अश्वनी जौहरी, रश्मि प्रधान, एड श्याम दीप सक्सेना, एड आलोक प्रधान, राज बहादुर सक्सेना, धर्मेन्द्र सक्सेना, रविन्द्र सक्सेना, सुधांशु सक्सेना, धर्मेश सोना, योगेश सक्सेना, श्वेत सक्सेना समेत बड़ी संख्या में समाज के गणामन्यजनों ने भाग लिया।